नयी दिल्ली. पूर्व सांसद और हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) के पिता अजय चौटाला (Ajay Chautala) को हरियाणा में शिक्षक भर्ती घोटाले (Haryana Teacher Recruitment Scam) के सिलसिले में 10 साल की कैद की सजा पूरी करने के बाद गुरुवार को तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया. जेल अधिकारियों ने बताया कि चौटाला की सजा पूरी हो गई थी और उन्हें बृहस्पतिवार को औपचारिक रूप से रिहा कर दिया गया.
जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘चौटाला को सीबीआई के एक मामले में (कोर्ट द्वारा) दोषी करार दिये जाने के बाद 10 साल की कैद की सजा के लिए 16 जनवरी 2013 को जेल में डाला गया था. सजा की अवधि के दौरान उन्होंने कुल दो साल, सात महीने और 24 दिनों की छूट अर्जित की.’’
उन्होंने बताया, ‘‘वह 14 मई 2021 से आपातकालीन पैरोल पर थे. वह बृहस्पतिवार को तिहाड़ जेल पहुंचे और अपने जुर्माने की राशि जमा की, जिसके बाद उन्हें औपचारिक रूप से रिहा कर दिया गया. ’’
ओपी चौटाला पिछले साल हुए थे रिहा
गौरतलब है कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय चौटाला और 53 अन्य को 3,206 जूनियर बेसिक शिक्षकों की वर्ष 2000 में अवैध भर्ती के मामले में दोषी करार दिया गया था. एक विशेष सीबीआई अदालत ने जनवरी 2013 में इस मामले में सजा सुनाई थी. ओम प्रकाश चौटाला को पिछले साल तिहाड़ जेल से रिहा किया गया था.
दुष्यंत चौटाला ने लिखा- हमारे बुरे सपने का अंत हुआ
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अपने पिता की रिहाई पर खुशी जताते हुए एक फोटो शेयर किया. उन्होंने लिखा कि एक परिवार और एक पार्टी के तौर पर आज हमारे लिए 9 साल 25 दिन के बुरे सपने का अंत हो गया. आपकी निरंतर उपस्थिति हमारे बहुत आवश्यक और आशीर्वाद होगा. आप हमारे हीरो हैं. आपको घर वापस पाकर हम बहुत खुश हैं.
हरियाणा की राजनीति की बदल गई धारा
जनवरी 2013 में जब अजय चौटाला व ओम प्रकाश चौटाला को सजा हुई तो दोनों एक ही पार्टी इनेलो में थे, प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और भाजपा अपना आधार तलाश रही थी. लेकिन अब 9 साल बाद हरियाणा की पूरी राजनीति बदल चुकी है. 2014 में कांग्रेस के हाथ से सत्ता चली गई और पूर्ण बहुमत के साथ मोदी लहर में भाजपा ने पहली बार अपने दम पर हरियाणा में सरकार बनाई.
2019 विधानसभा चुनावों से पहले इनेलो व बसपा गठबंध के कारण प्रदेश में इनेलो कार्यकर्ताओं में गठबंध की सरकार बनने की उम्मीद जगी, लेकिन चुनाव से पहले इनेलो ही दो फाड़ हो गई और अजय चौटाला के बेटे दुष्यंत चौटाला ने इनेलो से निकाले जाने के बाद जननायक जनता पार्टी का गठन किया. इस चुनाव में इनेलो की मात्र एक सीट आई और नई पार्टी जजपा ने प्रदेश में दस सीटों पर जीत दर्ज की. 2019 में भाजपा बहुमत के आंकड़े को नहीं छू सकी और प्रदेश में जजपा के सहयोग से सरकार बनी व अजय चौटाला के बेटे दुष्यंत चौटाला प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बने.
विवाद होने पर घोटाला उजागर हुआ था
जेबीटी घोटाला उजागर करने में तत्कालीन प्राथमिक शिक्षा निदेशक संजीव कुमार ने अहम भूमिका निभाई थी. उसने इस मामले की जांच के संबंध में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने वर्ष 2003 में घोटाले की जांच शुरू की. खास बात यह है कि सीबीआई ने इस मामले में संजीव कुमार को भी आरोपी बना लिया.
दरअसल, सीबीआई ने उन्हें भी घोटाले में दोषी माना. सीबीआई ने वर्ष 2008 में आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया था, जिसके मुताबिक वर्ष 1999-2000 में हरियाणा के 18 जिलों में 3206 जेबीटी शिक्षकों की भर्ती करने के दौरान मानदंडों को ताक पर रखकर मनचाहे अभ्यर्थियों को नौकरी दी गई थी.
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